কিছু কবিতায় কিছু কথা
हम तो उस दिन भी खड़े थे, ओर हम आज भी खड़े हैं। तेरी यादों में , ग़म की हर आंसु पी चुके हैं।
तेरी ख़त में लिखें, एक एक प्यार के हर दास्तां, मेरे आंसु से धुल चूके हैं। तु जा चुका है, तु जा चुका है।।
- धीमान कूड़ि
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